खरगोन में डॉक्टर मोहन यादव की सरकार में छात्रावास के बच्चों को दो समय भी नहीं मिल रहा पर्याप्त भोजन। एकलव्य आवासीय परिसर (छात्रावास) झिरन्या में दो समय का पर्याप्त भोजन न मिलने से भूखे प्यासे बच्चे गुहार लेकर पैदल ही 70 किमी दूर खरगोन कलेक्टर से शिकायत करने निकल पड़े। प्रशासन को सूचना मिलने पर मचा हड़कंप। बच्चों ने एसडीएम और सीईओ को वापस लौटाया। कलेक्टर सहित कई अधिकारी 12 किलोमीटर दूर तक पैदल जा चुके बच्चों के पास पहुंचे, बस से वापस लेकर पहुंचे होस्टल। साथ बैठकर खाया खाना। राशन का पर्याप्त आवंटन उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन।
जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर झिरनिया विकासखंड मुख्यालय पर स्थित एकलव्य आवासीय परिसर के 6टी से 12 तक के करीब 180 बच्चे दोनों समय पर्याप्त खाना नहीं मिलने के कारण इतने मजबूर हो गए की सुबह से सभी के सभी बच्चे 70 किलोमीटर दूर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को शिकायत करने के लिए बारिश के मौसम में पैदल ही चल दिए। भूखे पैसे बच्चों का इस तरह पैदल खरगोन डीएम दफ्तर तक पहुंचने की बात जैसे ही फैली एसडीएम कलेश और जनपद पंचायत सीईओ एक बस लेकर उन बच्चों को समझा बूझकर वापस लाने के लिए पहुंचे लेकिन बच्चे 5 किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद भी अधिकारियों के कहने पर नहीं रुके और उन्हें कलेक्टर से मिलने की जिद बताई। लाख समझाने के बाद भी बच्चे नहीं माने और लगातार पैदल मार्च जारी रखा। फिर क्या था कलेक्टर कर्मवीर शर्मा सहित जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मजबूरन बच्चों से मिलने के लिए जिला मुख्यालय छोड़कर झिरन्या के लिए रवाना होना पड़ा। बच्चे करीब 12 किलोमीटर तक पैदल पैदल गिरने से सतवाडा गांव तक पहुंच चुके थे। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और एसपी धर्मराज मीणा आदिवासी विकास सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य सहित अधिकारी बच्चों के पास पहुंचे। काफी देर तक बच्चों से बातचीत करने के बाद उन्हें समझाया और वापस एकलव्य आवासीय विद्यालय लेकर पहुंचे। कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल भोजन की व्यवस्था की गई। कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों ने बच्चों के साथ ही भोजन किया। दोपहर 3 बजे तक कलेक्टर शर्मा अन्य अधिकारियों ने बच्चों के साथ मीटिंग की उनसे सभी तरह की समस्याएं पूछी।
बच्चों ने बताया कई बार सेव परमल खाकर सोए-
बच्चों ने कलेक्टर को बताया हमें दो समय भी पर्याप्त भोजन नहीं मिल रहा। मीनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता। हॉस्टल अधीक्षक कहते हैं राशन का पर्याप्त आवंटन नहीं मिल रहा। बच्चों ने बताया कई बार तो हम सेव परमल खाकर ही सोए हैं। कई बच्चे बताते बताते रोने लगे।
बंद कमरे में डीएम ने की बच्चों से बात-
झिरन्या के एकलव्य आवासीय परिसर में पहुंचे कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और अन्य अधिकारियों ने बच्चों से बंद कमरे में सीधी बात की और उनसे सभी तरह की समस्याएं पूछी। इस दौरान मीडिया को पूरी तरह से बाहर रखा गया। बच्चों के साथ 121 बात करने के बाद कलेक्टर ने एकलव्य अवश्य परिसर के स्टाफ के कर्मचारी और अधीक्षक से बात की।
इसलिए भगाया एसडीएम और अन्य अधिकारियों को-
जब बच्चे जब छात्रावास के बच्चे सभी बच्चे झिरन्या से 5 किलोमीटर दूर गोरखपुर गांव तक पहुंच गए तो भीकनगांव एसडीएम बीएस कलेश और अन्य अधिकारी बच्चों के पास पहुंचे काफी दूर तक उन्हें समझाने के लिए साथ चले लेकिन बच्चे इतने गुस्साए थे कि उन्होंने एसडीएम की एक भी बात नहीं मानी। उन्होंने कहा हम तो कलेक्टर को ही समस्या बताएंगे। छठी से 12वीं तक के भूखे पैसे बच्चे करीब 12 किलोमीटर तक लगातार चलते रहें और अन्य अधिकारियों के कहने पर नहीं रुके। बच्चे रुकते भी क्यों क्योंकि उन्हें पर्याप्त खाना जो नहीं मिल रहा था।
कलेक्टर बोले जैसे सूचना मिली हम पहुंचे-
खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है एकलव्य आवासीय परिसर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित है। यहां पर नया-नया स्कूल स्थापित हुआ है। यहां के कुछ छोटे-मोटे इश्यू थे। बच्चे इसका समाधान चाहते थे और चाह रहे थे कि कलेक्टर इसका समाधान करें। जैसे ही हमको सूचना मिली हम तत्काल मैं और एसपी साहब और अन्य अधिकारी पहुंचे। उनकी समस्याओं को सुना और उनके साथ भोजन भी किया। हम दो-तीन घंटे से आज यही थे और उनकी समस्याओं का समाधान किया। लोकल इश्यू थे उनका भी समाधान किया।
विधायक बोलीं, बच्चों को ठीक खाना नहीं मिलता–
भीकनगांव की कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी का कहना है एकलव्य आवासीय स्कूल परिसर झिरन्या में करीब 460 विद्यार्थी पढ़ते हैं। बच्चे अपनी समस्याओं को लेकर खरगोन जा रहे थे आज मंगलवार का दिन है और जनसुनवाई होती है। कलेक्टर, एसपी, विधायक और जनप्रतिनिधि बच्चों की सुनवाई के लिए खुद ही यहां पर आ गए। सभी बच्चों की बात सुनी गई। बच्चों ने बताया खाना ठीक से नहीं बनता है। आज ही नहीं लगातार बच्चों को खाना अच्छा मिले और पेयजल टंकी की सफाई को लेकर भी कहा है।
छात्र ने कहा हमको खाना नहीं मिल रहा था-
छात्र का कहना है हम हॉस्टल में करीब 180 छात्र हैं छठी से 12वीं तक के। हमको खाना नहीं मिल रहा था। मेनू के अनुसार भी खाना नहीं मिल रहा। किताब कॉपी अभी नहीं दी जाती। संबंध में हमने कई बार प्राचार्य से शिकायत की लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसलिए हमें कलेक्टर के पास जाना पड़ा। कलेक्टर साहब ने कहा है समस्याओं का समाधान करेंगे।
प्राचार्य बोलीं सिर्फ कम्युनिकेशन गेप है-
प्राचार्य रेखा रानी का कहना है समस्या नहीं कुछ कम्युनिकेशन गैप हो गया है। हम लोगों को आए हुए अभी 15-20 दिन हुए हैं जितना कर सकते थे उस दो-तीन गुना ही ज्यादा किया है। हां अगर खाने को लेकर कोई समस्या है तो ऐसी समस्या का समाधान कर रहे हैं। एसी सर से गाइडेंस दिया है। कलेक्टर सर ने कंस्ट्रक्टिव आइडिया दिए हैं इस पर हम अमल करेंगे।